मकर संक्रांति पर इस शुभ मुहूर्त में करें सूर्य देव की पूजा, जानें देश के अलग-अलग राज्यों में इस त्योहार का महत्व
पंजाब और जम्मू-कश्मीर में मकर संक्रांति को 'लोहड़ी' के रूप में मनाया जाता है। तमिलनाडु की बात करें तो यहां मकर संक्रांति को 'पोंगल' के रूप में मनाया जाता है।
इंदौर. हिंदू धर्म में सूर्य देव को सभी नौ ग्रहों में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है जब सूर्य देव उत्तरायण में होते हैं। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति से ऋतु परिवर्तन शुरू हो जाता है और शरद ऋतु कम होने लगती है और वसंत ऋतु दस्तक देने लगती है।
मकर संक्रांति पर पूजा का समय
इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पुण्य काल मुहूर्त सुबह 07:15:13 बजे शुरू होगा और 12:30:00 बजे तक रहेगा। ऐसे में मकर संक्रांति का पुण्य काल 5 घंटे 14 मिनट रहेगा.
फसल उत्सव मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में इस त्यौहार से ही नई फसल की कटाई का काम शुरू हो जाता है। पंजाब और जम्मू-कश्मीर में मकर संक्रांति को ‘लोहड़ी’ के रूप में मनाया जाता है। तमिलनाडु की बात करें तो यहां मकर संक्रांति को ‘पोंगल’ के रूप में मनाया जाता है। असम में मकर संक्रांति के पहले दिन से भोगाली बिहू उत्सव मनाया जाता है।